Friday, September 19, 2008

टिकट के दावेदार

इस बार तो बीजेपी और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं की लाइन लगी हुई है। अरोड़ा,कुम्हार,ब्राहमण,बनिया और महेश्वरी समाज टिकट मांगने वालों में सबसे आगे है। ऐसे ऐसे लोगों को ग़लतफ़हमी हो गई कि नगरवासी चर्चा के दौरान उनका मजाक उड़ाते हैं। अग्रवाल समाज में श्री नरेश अग्रवाल,श्री महेश गुप्ता,रतन नागौरी जैसे लोगों को ऐसे लगने लगा है जैसे उनसे अच्छा उम्मीदवार तो कोई हो ही नही सकता। पहले इन लोगों ने कांग्रेस के मंत्री संतोष बागरोडिया तथा विवेक बंसल को बुलाया। अब ये लोग बीजेपी के लीडर को बुला रहें है। इनको तो टिकट चाहिए कांग्रेसहो या बीजेपी इस से कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि इनकी नजर में ये तो समाज के एक छत्र नेता हैं और जीत तो इनकी खाट के पैताने बैठी है। लोगों के मामले पंचायत करके निपटाते हैं और जब इनके ख़ुद मुसीबत आती है तो फ़िर इनकी पंचायत दुसरे करते है। वैसे अग्रवाल सभा [अब लीला सभा ] ने तो एलान कर दिया कि उनका कोई प्रत्याशी नहीं होगा। बात तो ऐसे करते हैं जैसे सब उनकी बात पर ठप्पा लगा देंगें। महेश्वरी समाज भी कौनसा कम है। यहाँ श्री महेश पेडिवाल,सीमा पेडिवाल और जयदीप बिहाणी टिकट मांग रहें हैं। हैरानी तो इस बात की कि संजय मुंदडा जैसे आदमी भी अपने आप को टिकट का दावेदार बता रहें हैं।कुम्हार समाज में डॉक्टर तारा चंद वर्मा ने तो अपने आप को उम्मीदवार घोषित कर पोस्टर नगर में लगा दिए। इस समाज से कमलेश वर्मा भी हैं। अब जबसे राजस्थान के मंत्री से रिश्ता हुआ है तो प्रहलाद टाक को ये लगने लगा कि टिकट पर तो उनका हक़ है। अरोड़ा बिरादरी में भी किस बात की कमी है। जुगल डुमरा के पता नही किसने हवा भर दी कि वे तो हवा में ही उड़ रहें है। कश्मीरी लाल जसूजा,बबिता अरोड़ा को पिरथी पाल सिंह ने टिकट के सपने दिखा रखे हैं। अगर ये लोग टिकट मांग सकते हैं तो राधेश्याम गंगानगर ने क्या कसूर किया है।ब्राह्मण समाज में ले दे के मुख्य रूप से राजकुमार गौड़ हैं जो कांग्रेस कि टिकट पाने की कोशिश में लगे हैं। चुनाव के बाद इनमे से कितने आदमी जनता के लिए तैयार रहेंगें ये आप और हमको देखना है। अभी तो चुनावी बरसात को मौसम है ऐसे मौसम में वो तो आते ही हैं।

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