Sunday, November 30, 2008

शोक नहीं आक्रोश जताओ

---- चुटकी----

शोक नही
आक्रोश जताओ,
नेताओं को
ओकात बताओ,
घर में बैठे
कुछ ना होगा,
पाक में जा
कोहराम मचाओ,
बहुत सह लिया
अब ना सहेंगें
भारत माँ की
लाज बचाओ।

8 comments:

sarita argarey said...

आक्रोश से भी काम ना चलेगा ,अब तो नेताओं का बैंड बजाओ ।

A. Arya said...

sale atnakwadiyon mein dam nahi tha nahi to sansad ke bahar kyon mare jate.

राज भाटिय़ा said...

बहुत सही लिखा आप ने

Alpana Verma said...

बहुत सह लिया
अब ना सहेंगें
sahi likhtey hain aap.

PREETI BARTHWAL said...

बिलकुल सही ।
बहुत सह लिया
अब ना सहेंगें

योगेन्द्र मौदगिल said...

बिल्कुल ठीक कहा बंधुवर

!!अक्षय-मन!! said...

bahut khub.....accha likha hai..


पर तेरा जीवन मैं हूं

अक्षय-मन

bijnior district said...

आपके लेख पर प्रतिक्रिया में डा. सुभाष भदोरिया की गजल के दो शेर प्रस्तुत है..
देख खूं होश में आअो लोगो,
अब तो हथियार उठाआे लोगों।
रोग मिग्री का लगा है सबकों ,
जूते मंत्री को सुंघाआें लोगों।